मेरे मन कुछ गुनगुना ना
देख, सब खुश हैं
सबकी होठों पर हंसी है
सबकी आँखों में चमक है
संग इनके तू भी खुश हो जा
चल ........कुछ गा ।
अरे! क्यों इतना उदास है तू?
क्यों तेरी आँखों में नमी है ?
आखिर बात क्या है ?
मुझे कुछ तो बता
देख ना सब खिलखिला रहे हैं
संग तू भी हंस कर ढेर हो जा
चल ..........कुछ गा ।
ला ना अपने होठों पे मुस्कराहट
पोंछ ले अपने ये आंसू
निकाल दिल से सारे ग़मों को
सब अपने लिए खुश होते हैं
तू औरो की ख़ुशी को अपना बना
मन मेरे , बस अब मान भी जा
चल.......कुछ गा ।
4 comments:
तू औरो की ख़ुशी को अपना बना
मन मेरे , बस अब मान भी जा
चल.......कुछ गा ।
khoobsurat abhiwaykti.....aisa laga ki wakai koi kah raha ho...
achha laga padhna...yun hi lekhnee ko nikharte rahen.
thanx.......
yaar bahut aachi hai................keep it up!!!!!!!!!!!
simplyyyyyyyy great n amazing
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