Thursday, March 26, 2009

सुन मेरे मन

मेरे मन कुछ गुनगुना ना

देख, सब खुश हैं

सबकी होठों पर हंसी है

सबकी आँखों में चमक है

संग इनके तू भी खुश हो जा

चल ........कुछ गा ।

अरे! क्यों इतना उदास है तू?

क्यों तेरी आँखों में नमी है ?

आखिर बात क्या है ?

मुझे कुछ तो बता

देख ना सब खिलखिला रहे हैं

संग तू भी हंस कर ढेर हो जा

चल ..........कुछ गा ।

ला ना अपने होठों पे मुस्कराहट

पोंछ ले अपने ये आंसू

निकाल दिल से सारे ग़मों को

सब अपने लिए खुश होते हैं

तू औरो की ख़ुशी को अपना बना

मन मेरे , बस अब मान भी जा

चल.......कुछ गा ।

4 comments:

शशि "सागर" said...

तू औरो की ख़ुशी को अपना बना

मन मेरे , बस अब मान भी जा

चल.......कुछ गा ।
khoobsurat abhiwaykti.....aisa laga ki wakai koi kah raha ho...
achha laga padhna...yun hi lekhnee ko nikharte rahen.

arundhati said...

thanx.......

Unknown said...

yaar bahut aachi hai................keep it up!!!!!!!!!!!

Unknown said...

simplyyyyyyyy great n amazing