तुम्हारी आँखें मुझे बुलाती हैं
मैं ख़ुद को रोक नही पाती हूँ
तुम्हारे पीछे खिंची चली जाती हूँ
उस हिरनी की तरह मेरे लिए भी तुम
हो एक मृगतृष्णा ये जानती हूँ
फ़िर भी ख़ुद को रोक नही पाती हूँ
तुम्हारे पीछे खिंची चली जाती हूँ
उस चातक की तरह स्वाति की एक बूँद के लिए
प्यासी ही मरी जाती हूँ
फ़िर भी दिल को बहला नही पाती हूँ
कहीं और प्यास बुझा नही पाती हूँ
तुम्हारे पीछे खिंची चली जाती हूँ
ये जानकर भी की तुम मेरे नही हो
न ही कभी हो सकते हो
मन को समझा नही पाती हूँ
तुम्हारे पीछे खिंची चली जाती हूँ
ना जाने क्यूँ ????????
Wednesday, September 30, 2009
Saturday, September 12, 2009
I COULDN'T WRITE.....
when all my thoughts
were intermingled
and all my imagination
got vanished
when my heart n mind
had to fight
although i tried to
still i couldnt write.
when all my dreams
were shattered brutely
and broken into
millions of pieces
when there was neither a ray of hope
nor a ray of light
although i tried to
still i couldnt write.
when the love i deserved
was gone forever
and my heart got
an unbearable n everlasting pain
when my love was
out of my sight
although i tried to
still i couldnt write.............
were intermingled
and all my imagination
got vanished
when my heart n mind
had to fight
although i tried to
still i couldnt write.
when all my dreams
were shattered brutely
and broken into
millions of pieces
when there was neither a ray of hope
nor a ray of light
although i tried to
still i couldnt write.
when the love i deserved
was gone forever
and my heart got
an unbearable n everlasting pain
when my love was
out of my sight
although i tried to
still i couldnt write.............
Thursday, March 26, 2009
सुन मेरे मन
मेरे मन कुछ गुनगुना ना
देख, सब खुश हैं
सबकी होठों पर हंसी है
सबकी आँखों में चमक है
संग इनके तू भी खुश हो जा
चल ........कुछ गा ।
अरे! क्यों इतना उदास है तू?
क्यों तेरी आँखों में नमी है ?
आखिर बात क्या है ?
मुझे कुछ तो बता
देख ना सब खिलखिला रहे हैं
संग तू भी हंस कर ढेर हो जा
चल ..........कुछ गा ।
ला ना अपने होठों पे मुस्कराहट
पोंछ ले अपने ये आंसू
निकाल दिल से सारे ग़मों को
सब अपने लिए खुश होते हैं
तू औरो की ख़ुशी को अपना बना
मन मेरे , बस अब मान भी जा
चल.......कुछ गा ।
ख्वाहिश
एक छोटी सी ख्वाहिश
मेरे पागल मन की
जब जब गिरे आँखों पर पर्दा
चेहरा तेरा बस आये नज़र
जब जब मैं लूं साँसे
नाम तेरा सुनाये मेरी धड़कन
महसूस हो तेरी साँसों की छुअन
और उसकी गर्माहट में हो चिर लीन
मेरा अतृप्त जीवन ।
मेरे पागल मन की
जब जब गिरे आँखों पर पर्दा
चेहरा तेरा बस आये नज़र
जब जब मैं लूं साँसे
नाम तेरा सुनाये मेरी धड़कन
महसूस हो तेरी साँसों की छुअन
और उसकी गर्माहट में हो चिर लीन
मेरा अतृप्त जीवन ।
मेरी अलग दुनिया
मेरी ज़िन्दगी के पन्नो पर
हैं कुछ अनदेखे चेहरे
कुछ अनजाने से नाम
कुछ काल्पनिक kahaniyan
बसी है मेरी एक अलग दुनिया .
मेरे सपने,मेरे ख्वाब
मेरी सोच , मेरे जज़्बात
कुछ अनछुए से पल
प्यार की कुछ निशानियाँ
बसी है मेरी एक अलग दुनिया ।
न काली रात के साए
न ही गमो के बादल
खिली वह चमकीली सुनहरी धुप
बिखरी पड़ी है हर तरफ खुशियाँ
बसी है मेरी एक अलग दुनिया ।
हैं कुछ अनदेखे चेहरे
कुछ अनजाने से नाम
कुछ काल्पनिक kahaniyan
बसी है मेरी एक अलग दुनिया .
मेरे सपने,मेरे ख्वाब
मेरी सोच , मेरे जज़्बात
कुछ अनछुए से पल
प्यार की कुछ निशानियाँ
बसी है मेरी एक अलग दुनिया ।
न काली रात के साए
न ही गमो के बादल
खिली वह चमकीली सुनहरी धुप
बिखरी पड़ी है हर तरफ खुशियाँ
बसी है मेरी एक अलग दुनिया ।
मेरे ख्वाब
प्यारे निराले रंग बिरंगे
ख्वाब सजा कर रखे थे मैंने
पर आंसुओं की कुछ बूंदों से
तस्वीर धुंधली सी हो गई थी ।
धुल गए रंग सारे
मेरे ख्वाब फीके पड़ गए
मिटते गए सारे ख्वाब
और मैं देखती ही रह गई थी ।
मुट्ठी से रेत की भांति
समय छुटता जा रहा था
ख्वाब सारे मेरे अधूरे
पूर्णता प्राप्त करने को तरस गए थे ।
मैंने अपनी आँखों से उन्हें
तिल तिल मरते देखा था
और चुपचाप कायरों की तरह
मैं उनके जनाजे पर रोई थी ।
ख्वाब सजा कर रखे थे मैंने
पर आंसुओं की कुछ बूंदों से
तस्वीर धुंधली सी हो गई थी ।
धुल गए रंग सारे
मेरे ख्वाब फीके पड़ गए
मिटते गए सारे ख्वाब
और मैं देखती ही रह गई थी ।
मुट्ठी से रेत की भांति
समय छुटता जा रहा था
ख्वाब सारे मेरे अधूरे
पूर्णता प्राप्त करने को तरस गए थे ।
मैंने अपनी आँखों से उन्हें
तिल तिल मरते देखा था
और चुपचाप कायरों की तरह
मैं उनके जनाजे पर रोई थी ।
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